लद्दाख: चीन की सरहद पर तैनात जवानों को मिलेगी अमेरिकी राइफल, फास्ट ट्रैक होगी खरीद
- अमेरिका से आ रहे 72500 घातक राइफल
- चीन बॉर्डर पर तैनात जवानों को मिलेंगे
- 1.5 लाख राइफल खरीद रही भारतीय सेना
लद्दाख में चीन के साथ लगे बॉर्डर पर तैनात भारतीय सैनिकों को जल्द ही अमेरिका में बनी घातक राइफल SiG 16 मिलने जा रही है. देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने अमेरिका से 72500 सिग सॉउर असाल्ट राइफल की खरीद को मंजूरी दे दी है. इस रक्षा सौदे में किसी तरह की देरी न हो इसलिए इस हथियार फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत खरीदे जाएंगे.
चीन बॉर्डर पर तैनात जवानों को मिलेगा अमेरिका राइफल
सरकार के टॉप सूत्र ने आजतक को बताया कि इस सौदे में पहले बैच में मिले असाल्ट राइफलों को जम्मू-कश्मीर में तैनात सैनिकों को दिया गया था. जबकि दूसरे बैच में आने वाले हथियारों को चीन की सीमा पर पूर्वी लद्दाख में तैनात जवानों को मुहैया कराया जाएगा.
ये नए राइफल मौजूदा इनसास राइफलों के बदले में खरीदे जा रहे हैं. इन राइफलों को स्थानीय आयुध फैक्ट्रियों में बनाया जाता है. सरकार की योजना के मुताबिक लगभग 1.5 लाख आयातित राइफलों को आतंकरोधी अभियान और सरहद पर तैनात जवानों जिसमें LoC और LAC दोनों शामिल हैं को दिया जाएगा.
सेना के बाकी जवानों को एके-203 राइफल मुहैया कराए जाएंगे. इन राइफलों का निर्माण भारत और रूस संयुक्त रूप से अमेठी के आयुध कारखाने में करेंगे.
अमेठी में भी बनेंगे एके 203 राइफल
16000 हल्के मशीन गनों का ऑर्डर
बता दें कि भारतीय सेना इंसास राइफलों को बदलने की प्रक्रिया में हैं. हालांकि इस कारणों से इसमें विलंब होता रहा है. हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने इजरायल से 16000 हल्के मशीन गनों को खरीदने का ऑर्डर दिया है ताकि सेना में इनकी कमी को दूर किया जा सके.
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