किसानों का मसीहा था ये शख्स, PM मोदी ने किया था मूर्ति का अनावरण
किसानों के मसीहा थे छोटूराम, सरदार पटेल ने उनके बारे में कही थी ये खास बात...
छोटूराम दीन दुखियों और गरीबों के बंधु, अंग्रेज़ हुकूमत के लिए 'सर' तो किसानों के लिए मसीहा थे. चौधरी छोटूराम का वास्तविक नाम राय रिछपाल था, लेकिन परिवार में सभी प्यार से उन्हें 'छोटू' कहकर पुकारते थे. जिसके बाद स्कूल में भी उनका नाम छोटूराम ही दर्ज कर लिया गया और यहीं से बालक राय रिछपाल का वास्तविक नाम छोटूराम हो गया.
छोटूराम बहुत ही साधारण जीवन जीते थे. और वे अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा रोहतक के एक स्कूल को दान कर दिया करते थे. वकालत करने के साथ ही उन्होंने 1912 में जाट सभा का गठन किया और प्रथम विश्व युद्ध में उन्होंने रोहतक के 22 हजार से ज्यादा सैनिकों को सेना में भर्ती करवाया.
1905 में छोटूराम जी ने कालाकांकर के राजा रामपाल सिंह के सह-निजी सचिव के रूप में कार्य किया और यहीं साल 1907 तक अंग्रेजी के 'हिन्दुस्तान' समाचार पत्र का संपादन किया. यहां से छोटूराम आगरा में वकालत की डिग्री करने आ गए. झज्जर ज़िले में जन्मा यह जुझारू युवा छात्र 1911 में आगरा के जाट छात्रावास का अधीक्षक बना.
1911 में उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की. यहां रहकर छोटूराम ने मेरठ और आगरा डिवीजन की सामाजिक दशा का गहन अध्ययन किया. 1912 में आपने चौधरी लालचंद के साथ वकालत आरंभ कर दी और उसी साल जाट सभा का गठन किया. 1916 में जब रोहतक में कांग्रेस कमेटी का गठन हुआ तो वो इसके अध्यक्ष बने थे.
छोटूराम के महत्त्वपूर्ण योगदान, गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट, 1938
छोटूराम ने 9 सितंबर, 1938 को एक प्रभावी कानून लागू किया. इस अधिनियम के जरिए जो जमीनें 8 जून, 1901 के बाद कुर्की से बेची हुई थीं तथा 37 सालों से गिरवी चली आ रही थीं, वह सारी जमीनें किसानों को वापिस दिलवाई गईं.
मोदी ने किया 64 फुट प्रतिमा का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में हरियाणा के सांपला में सर छोटूराम की 64 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था- 'उनका कद और व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि सरदार पटेल ने छोटूराम के बारे में कहा था कि आज चौधरी छोटूराम जीवित होते तो पंजाब की चिंता हमें नहीं करनी पड़ती, छोटूराम जी संभाल लेते'. पीएम मोदी ने कहा कि सर छोटूराम का किसान और देश में काफी अहम योगदान है. आपको बता दें, 9 जनवरी, 1945 को छोटूराम का निधन हो गया था.
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