पूर्व PM और उनके परिवार को सिर्फ 5 साल के लिए मिलेगा SPG सुरक्षा कवर
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एक्ट, 1988 में संशोधन के अहम बदलावों के मुताबिक SPG सुरक्षा कवच मौजूदा प्रधानमंत्री और उनके साथ आधिकारिक आवास पर रहने वाले करीबी रिश्तेदारों को मिलेगा.
- SPG संशोधन बिल लोकसभा में हुआ पेश
- पहले भी कई बार एक्ट में हुआ है बदलाव
केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस सांसदों की नारेबाजी और हंगामे के बीच SPG यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (संशोधन) बिल पेश किया. एक तरफ महाराष्ट्र की सियासी उठापटक सुर्खियों में होने की वजह से सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी पार्टियां व्यस्त दिखीं, वहीं लोकसभा में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने शोरगुल के बीच SPG संशोधन बिल पेश किया.
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एक्ट, 1988 में संशोधन के अहम बदलावों के मुताबिक SPG सुरक्षा कवच मौजूदा प्रधानमंत्री और उनके साथ आधिकारिक आवास पर रहने वाले करीबी रिश्तेदारों को मिलेगा.
एक्ट के संशोधित हो जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों को SPG सुरक्षा सिर्फ पांच साल के लिए ही मिलेगी. पूर्व प्रधानमंत्री के ऑफिस छोड़ने के पांच साल बाद तक उन्हें और उनके आधिकारिक आवास पर साथ रहने वाले परिजनों को SPG सुरक्षा मिलेगी.
इसका तकनीकी अर्थ ये भी निकलता है कि किसी पूर्व प्रधानमंत्री का निधन हो जाता है तो उनके परिजनों को एसपीजी कवर नहीं मिलेगा. इस एक्ट को पहले भी 1991, 1994,1999 और 2003 में संशोधित किया जा चुका है.
गांधी परिवार से हटाया गया था एसपीजी कवर
बता दें कि हाल में सुरक्षा समीक्षा के बाद केंद्र सरकार ने गांधी परिवार के सदस्यों यानि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा का एसपीजी कवर हटाने का कदम उठाया था. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी SPG सुरक्षा कवर वापस ले लिया गया. मनमोहन सिंह को तब से सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) को 'Z' सुरक्षा कवर मिला हुआ है. इसी तर्ज़ की सुरक्षा 8 नवंबर से गांधी परिवार के सदस्यों को भी मिल रही है.
कांग्रेस नेताओं ने गांधी परिवार को मिल रहा SPG सुरक्षा कवच वापस लिए जाने के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे द्वेष के तहत की गई कार्रवाई बताया. इस घटनाक्रम की वजह से भी SPG (संशोधन) बिल को अहम माना जा रहा था.
सरकार से जुड़े सूत्रों ने गांधी परिवार पर निशाना साधा कि उनकी ओर से एसपीजी कवर के लिए जरूरी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था. ऐसे कई मौके आए जब उन्होंने खुद ही अपनी इच्छानुसार एसपीजी सुरक्षा को अलग रखा.
SPG का गठन 1985 में हुआ था. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए विशेष ग्रुप के गठन की आवश्यकता समझी गई.
SPG एक्ट 1988 में पास हुआ
संसद में SPG एक्ट 1988 में पास हुआ. इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए समर्पित ग्रुप बनाया गया. शुरुआत में एक्ट में पूर्व प्रधानमंत्री इसके दायरे में नहीं थे. बाद में संशोधन के जरिए पूर्व प्रधानमंत्रियों को SPG सुरक्षा के दायरे में लाया गया.1989 में वीपी सिंह सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से SPG कवर वापस ले लिया था.
2003 में वाजपेयी सरकार ने SPG एक्ट में फिर संशोधन किया. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री को ऑफिस छोड़ने वाले दिन से स्वत: सुरक्षा मिलने वाली अवधि को 10 साल से घटाकर 1 साल कर दिया था.
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